P: ISSN No. 2231-0045 RNI No.  UPBIL/2012/55438 VOL.- XI , ISSUE- I August  - 2022
E: ISSN No. 2349-9435 Periodic Research
महाविद्यालयीन छात्राओं के सामाजिक आर्थिक स्तर एवं पारिवारिक मूल्यों का तुलनात्मक अध्ययन
Comparative Study of Socioeconomic Status and Family Values of College Girls
Paper Id :  16234   Submission Date :  08/08/2022   Acceptance Date :  20/08/2022   Publication Date :  24/08/2022
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सलमा बानो
शोधार्थी
गृह विज्ञान विभाग
महारानी लक्ष्मी बाई गर्ल्स पीजी कॉलेज फोर्ट
इंदौर,मध्य प्रदेश, भारत
अनुराधा अवस्थी
एसोसिएट प्रोफेसर
गृह विज्ञान विभाग
महारानी लक्ष्मी बाई गर्ल्स पीजी कॉलेज फोर्ट
इंदौर, मध्य प्रदेश, भारत
सारांश प्रस्तुत शोध का उद्देश्य इन्दौर शहर की महाविद्यालयीन छात्राओ के सामाजिक आर्थिक स्तर के परिप्रेक्ष्य में पारिवारिक मूल्यों का अध्ययन करना है, प्रस्तुत शोध कार्य हेतु सर्वेक्षण विधी का प्रयोग किया गया है, एवं शून्य परिकल्पना का निर्माण किया गया है, स्वतंत्र चर के रूप में छात्राओं के अभिभावक का सामाजिक आर्थिक स्तर एवं आश्रित चर के रूप में छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों को लिया गया है। प्रस्तुत शोध के लिए 400 छात्राओं में से 134 निम्न, 133 मध्यम, 133 उच्च सामाजिक आर्थिक स्तर का न्यादर्श कोटा चयन विधि द्वारा किया गया है। आकड़ों के सांख्यिकीय विश्लेषण हेतु अनोवा परीक्षण द्वारा गणना की गयी है, तथा इससे प्राप्त निष्कर्ष के रूप में कहा जा सकता है कि निम्न, मध्यम एवं उच्च आर्थिक स्तर की छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों के अंकों के माध्यों में सार्थक रूप से कोई अन्तर नही पाया गया।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद The purpose of the present research is to study the family values ​​in the context of socio-economic status of the college students of Indore city, survey method has been used for the present research work, and null hypothesis has been formulated, girls as independent variable. Socio-economic status of the parents and family values ​​of the girl students have been taken as dependent variables. For the present research, out of 400 girl students, 134 low, 133 medium, 133 high socioeconomic level sample quota has been done by selection method. Statistical analysis of the data has been calculated by ANOVA test, and as a conclusion obtained from it, it can be said that no significant difference was found in the mean of scores of family values ​​of girls of low, middle and high economic level. .
मुख्य शब्द सामाजिक आर्थिक स्तर, पारिवारिक मूल्य, महाविद्यालयीन छात्रायें, इन्दौर शहर, आयु समूह।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Socio Economic Status, Family Values, College Girls, Indore City, Age Group.
प्रस्तावना
वर्तमान समय में शिक्षा की अवधारणा में बदलाव आया है, अब विद्यालय का कार्य ज्ञान भण्डार के मूल्यों कों स्थानान्तरित करना ही नही, बल्कि छात्र को इस योग्य बनाना है कि वे स्वयं अपने मूल्यों का निर्माण कर सके। परिवार समाज की महत्वपूर्ण इकार्इ है, परिवार में ही बालक के व्यक्तित्व का विकास होता है, तथा परिवार ही बच्चे के सामाजिक जीवन की प्रथम पाठशाला होती है। स्नेह, प्रेम, त्याग, सहयोग, अनुशासन आदि गुणों का विकास बच्चे में परिवार के माध्यम से ही हो पाता है, जो व्यक्ति के भावी जीवन में मूल्यों के निर्धारण में सहायक होतें है। भारतीय समाज में विभिन्न प्रकार के धर्म, वर्ग, आर्थिक स्तर के समूह पाये जाते है, सामाजिक आर्थिक स्तर बालको के अभिभावकों को प्राप्त होने वाली शिक्षा, आय, व्यवसाय, सामाजिक प्रतिष्ठा इत्यादि पर निर्भर करता है। भारत में राष्ट्रीय आय की वृद्धि दर एवं उसका स्तर दोनो संतोषजनक नही है, जिसके कारण यहा समाज उच्च, मध्यम एवं निम्न सामाजिक आर्थिक स्तर में विभाजित है, जिससें इसमें जन्म लेने वाला बालक किसी न किसी प्रकार से प्रभावित होता है। प्राचीनकाल में विद्यालय में शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार समाज के धनी वर्ग तक ही सीमित था। जिससे शिक्षक वर्ग केवल उच्च सामाजिक आर्थिक स्तर के बालक बालिकाओं को शिक्षा प्रदान करते थे जिससे विद्यालय में मध्यम एवं निम्न सामाजिक आर्थिक स्तर के विद्यार्थी शिक्षा नही प्राप्त कर पाते थे। जिसके कारण बालक के व्यक्तिगत, पारिवारिक व सामाजिक मूल्यों के विकास पर पड़ता है। वर्तमान समय में छात्रायें कैरियर को अधिक महत्व देती है और पारिवारिक मूल्यों को कम महत्व देती है इसी कारण समाज में विवाह की आयु बढ़ गयी है पारिवारिक विघटन एवं तलाक की संख्या बहुत बढ. गर्इ है, इन बिखरे तथा टूटे परिवारों के बच्चों के भी पारिवारिक मूल्य उचित रूप से विकसित नही हो पा रहे हैं, इन्ही कारणों से इस विषय को हमने अपने अध्ययन के लिए चुना है। 1.1समस्या कथन ’’महाविद्यालयीन छात्राओं के सामाजिक आर्थिक स्तर एवं पारिवारिक मूल्यों का तुलनात्मक अध्ययन’’।
अध्ययन का उद्देश्य 1. निम्न, मध्यम एवं उच्च सामाजिक आर्थिक स्तर की महाविद्यालयीन छात्राओं के परिवार सम्बंधी मूल्यों के अंकों के माध्यों की तुलना करना। 2. विभिन्न आयु समूह की छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों के अंकों के माध्यों की तुलना करना ।
साहित्यावलोकन

अर्चना कुमारी एवं स्वर्ण रेखा (2022) ने ’’माध्यमिक विद्यालय के छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धि पर उनके पारिवारिक वातावरण एवं सामाजिक वातावरण के प्रभाव का अध्ययन’’ विषय पर शोध कार्य किया। अध्ययन के निष्कर्ष में पाया कि माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों के शैक्षणिक उपलब्धि पर पारिवारिक वातावरण का सार्थक प्रभाव पड़ता है एवं सामाजिक वातावरण का सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

संतोष कुमार यादव (2018) ने ’’माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत् विद्यार्थियों के पारिवारिक वातावरण के सन्दर्भ में उनके शैक्षिक उपलब्धि का अध्ययन’’ विषय पर शोध कार्य किया गया। अध्ययन के निष्कर्ष के रूप में पाया गया कि माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत् उच्च, मध्यम एवं निम्न पारिवारिक वातावरण के विद्यार्थियों की शैक्षिक उपलब्धि में सार्थक अन्तर है, अर्थात पारिवारिक वातावरण के सन्दर्भ में शैक्षिक उपलब्धि में सार्थक अन्तर पाया गया।

भारद्वाज भूमिका (2016) ने ’विभिन्न सामाजिक आर्थिक स्तर के विद्यार्थियों के मूल्य एवं विद्यालय परिस्थितियों मे समायोजन का अध्ययन’’ विषय पर शोध कार्य किया एवं अध्ययन में पाया कि उच्च सामाजिक स्तर के विद्यार्थियों ने धार्मिक, सामाजिक, प्रजातांन्त्रिक, सौन्दर्यात्मक, परिवार प्रतिष्ठा एवं स्वास्थ्य मूल्यों पर विशेष बल देते है, एवं मध्यम सामाजिक स्तर के विद्यार्थियो ने आर्थिक, ज्ञानात्मक, सुखात्मक एवं शक्ति मूल्यां पर बल देते है, तथा निम्न सामाजिक स्तर के विद्यार्थी द्वारा लोकतान्त्रिक, सामाजिक, सौन्दर्यात्मक, आर्थिक, ज्ञानात्मक, सुखात्मक, पारिवारिक प्रतिष्ठा एवं स्वास्थ्य सम्बंधी मूल्यो पर बल दिया जाता है।

गंगोउपाध्याय, मयूराक्षी एवं सिकदर डिवोमिता (2016) ने ’इफेक्ट आफ पर्सनल वैल्यूज आन साइकोलाजिकल वैल बींग आफ अरबन एण्ड रूरल यूथ’ विषय पर शोध कार्य किया। न्यादर्श हेतु इन्होनें कोलकाता के 18 से 21 वर्ष के अध्ययनरत् विद्यार्थियों का चयन किया। शोध अध्ययन के उपकरण के रूप मे शैरी द्वारा निर्मित ’व्यक्तिगत मूल्य प्रश्नावली’ का उपयोग किया गया। अध्ययन के निष्कर्ष के रूप मे प्राप्त हुआ कि साधन, ज्ञान, सौन्दर्य शक्ति एवं लोकतान्त्रिक मूल्यों मे ग्रामीण युवा की तुलना में शहरी युवाओं के मूल्य उच्च है, जबकि धार्मिक, सामाजिक स्वास्थ्य, पारिवारिक प्रतिष्ठा जैसे मूल्यों में ग्रामीण युवा शहरी युवाओ की अपेक्षा औसत मूल्यों में उच्च है।

भूटिया योदिदा (2013) ने शिलांग  जिले के ’माध्यमिक विद्यालय के विद्यार्थियों के    व्यक्तिगत मूल्य’ विषय पर अध्ययन किया गया। अध्ययन के निष्कर्ष के रूप मे पाया गया कि विद्यार्थियों मे शक्ति, लोकतान्त्रिक, धार्मिक और पारिवारिक प्रतिष्ठा जैसे मूल्यों का स्तर सामान्य है, जबकि ज्ञान, सुख, स्वास्थ्य सामाजिक मूल्य का स्तर निम्न है तथा विद्यार्थियों के व्यक्तिगत मूल्यों को वातावरण तथा लिंग प्रभावित करते है।

गुप्ता झरना (2012) ने ’’व्यक्तिगत एवं सामाजिक कारक के संदर्भ में व्यक्तिगत मूल्यों का अध्ययन किया’’ यह शोध अध्ययन 4 प्रमुख कारक विद्यालय की प्रकृति, वातावरण, लिंग तथा सामाजिक आर्थिक स्तर के आधार पर मूल्यों के परिप्रेक्ष्य में लिया गया। न्यादर्श हेतु इन्होंने राजस्थान के शासकीय एवं गैर शासकीय विद्यालय के विद्यार्थियों का चयन किया। अध्ययन के फलस्वरूप निष्कर्ष के रूप मे निम्न तत्व पाया गया-1.उच्च सामाजिक आर्थिक स्तर वाले विद्यार्थियों के स्वास्थ्य एवं सौन्दर्यात्मक मूल्य उच्च स्तर के पाये गये, जबकि निम्न आर्थिक स्तर वाले विद्यार्थियों के पारिवारिक मूल्य उच्च रहे। 2.शासकीय ग्रामीण छात्राओं के धार्मिक, प्रजातान्त्रिक, पारिवारिक मूल्य गैर सरकारी छात्राओं से उच्च स्तर के रहे। 3.ग्रामीण शासकीय विद्यालयी छात्रो की अपेक्षा छात्राओं के सामाजिक, प्रजातांन्त्रिक व पारिवारिक प्रतिष्ठात्मक मूल्य उच्च स्तर के हैं।

सामग्री और क्रियाविधि
शोधकर्ता द्वारा अपने शोध कार्य के लिए सर्वेक्षण विधी को आधार बनाया गया है। ब-चर-प्रस्तुत शोध अध्ययन में प्रयुक्त चर अग्रांकित है- स्वतन्त्र चर-सामाजिक आर्थिक स्तर, आयु। आश्रित चर- पारिवारिक मूल्य।
न्यादर्ष

1. प्रस्तुत शोध में शोधकर्ता द्वारा न्यादर्श के रूप में इन्दौर शहर के महाविद्यालयों में अध्ययनरत 400 छात्राओं का चयन किया गया इनमें से 134 निम्न, 133 मध्यम एवं 133 उच्च सामाजिक आर्थिक स्तर के परिवारों की थी।

2. न्यादर्श चयन विधि-प्रस्तुत अध्ययन में उद्देश्यपूर्ण कोटा प्रतिदर्श का चयन किया गया है।

प्रयुक्त उपकरण अध्ययन में प्रयुक्त उपकरण निम्न है-
1. सामाजिक-आर्थिक स्तर मापनी-संशोधित कुप्पुस्वामी स्केल तूलिका सिंह, संजु शर्मा, सीतारमैया नागेश द्वारा निर्मित।
2. कैरियर एवं पारिवारिक मूल्य स्केल-डॉ.साधना तॅवर एवं डॉ. कुलविन्दर सिंह द्वारा निर्मित।
अध्ययन में प्रयुक्त सांख्यिकी

प्रस्तुत शोध अध्ययन में प्रयुक्त की जाने वाली सांख्यिकी अनोवा परीक्षण का प्रयोग किया गया है।

परिणाम

परिणाम तथा विश्लेषण- प्रस्तुत शोध में परिकल्पनाओं का परीक्षण सांख्यिकी विश्लेषण के आधार पर किया गया है जो इस प्रकार है-

 उद्देश्य 1 निम्न, मध्यम एवं उच्च सामाजिक आर्थिक स्तर की महाविद्यालयीन छात्राओं के परिवार सम्बंधी मूल्यों के अंकों के माध्यों का तुलनात्मक अध्ययन करना।








तालिका क्रमांक 1.0


तालिका क्रमांक 1 से विदित होता है कि f का मान .084 है df=2/399 हैं जोकि 0.05 के सार्थकता स्तर पर सार्थक नही है इसका अर्थ है  कि  निम्न, मध्यम एवं उच्च आर्थिक स्तर की छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों के अंकों के माध्यों में सार्थक रूप से कोई अंतर नही है, अत: इस संदर्भ में शून्य परिकल्पना “निम्न, मध्यम एवं उच्च सामाजिक आर्थिक स्तर की महाविद्यालयीन छात्राओं के परिवार संबंधी मूल्यों के अंको के माध्यों में सार्थक अंतर नही होगा “ को स्वीकार किया जाता है, अत: निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि निम्न, मध्यम एवं उच्च आर्थिक स्तर की छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों के अंकों के माध्यों में सार्थक रूप से समानता पायी गयी।

ग्रॉफ क्रमांक-.1.0

छात्राओं के आर्थिक स्तर एवं पारिवारिक मूल्य के स्कोर के मध्यमान का अक्तालिका क्रमांक 1.1






ग्रॉफ क्रमांक-.1.0                                                  

छात्राओं के आर्थिक स्तर एवं पारिवारिक मूल्य के स्कोर के मध्यमान का आरेख

उद्देश्य 2 विभिन्न आयु समूह की छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों के अंकों के माध्यों का तुलनात्मक अध्ययन करना।

तालिका क्रमांक 2.0

  छात्राओं के विभिन्न आयु समूह का पारिवारिक मूल्यों के संदर्भ मे अनोवा सारांश

 

Sum of Squares

Df

Mean Square

F

सार्थकता का स्तर 0.05

 

Between Groups

7.202

3

2.401

3.952

.008*

Within Groups

241.775

398

.607

 

 

Total

248.978

401

 

 

 

**0.05 स्तर पर सार्थक है।                                                     

परिणाम-तालिका क्रमांक 2.0 से विदित होता है कि F का मान 3.952 है, Df =3399 है जो कि 0.05 के सार्थकता स्तर पर सार्थक है, इससे स्पष्ट होता है कि विभिन्न आयु समूह की छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों के अंकों के माध्यों में सार्थक अन्तर है, अत: इस सन्दर्भ में शून्य परिकल्पना ’’. विभिन्न आयु समूह की छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों के अंकों के माध्यों में सार्थक अन्तर नही होगा’’ को अस्वीकार कर यह निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि विभिन्न आयु समूह की छात्राओं के पारिवारिक मूल्य में सार्थक अन्तर है।



तालिका क्रमांक 2.1

तालिका क्रमांक 2.1 से विदित होता है कि 17-19 आयु समूह की छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों का माध्य 3.18, एवं 20-22 आयु समूह की छात्राओं का 3.03, एवं 23-25 आयु समूह की 2.81 पाया गया जो सबसे निम्न स्तर का रहा, एवं 25 या उससे अधिक आयु समूह की छात्राओं का माध्य 3.33 पाया गया जो सबसे उच्च स्तर का पाया गया।

ग्राफ क्रमांक-2

छात्राओं के विभिन्न आयु समूह एवं पारिवारिक मूल्यों का मध्यमान आरेख


अध्ययन की उपयोगिता- परिवार समाज की आधारभूत इकाई है जो कि समाज के अस्तित्व और व्यवस्था को बनाये रखने के लिए महत्वपूर्ण कार्य करता हैइसलिए समाज तथा राष्ट्र के विकास के लिए छात्राओं में पारिवारिक मूल्यों का उदय होना आवश्यक हैछात्रायें तभी सुखी जीवन जी सकेंगी जब कैरियर के साथ-साथ वे परिवार को भी समान महत्व दे सकेगी। व्यक्ति का सर्वागींण विकास जहाँ एक तरफ माता-पिता व बच्चों के पारिवारिक सम्बन्ध पर निर्भर हैवही दूसरी तरफ वह उस मूल्यों के विकास पर परिवार के सामाजिक आर्थिक स्तर का भी प्रभाव पड़ता है। उच्च सामाजिक आर्थिक स्तर वाले परिवार के विद्यार्थियों को सभी सुविधायें प्राप्त होती है तथा इस आय वर्ग के अभिभावक बच्चों की रूचियॉ व सृजनात्मकता को प्रोत्साहित करने का प्रयास करते है तथा इनका सांस्कृतिक वातावरण भी उच्च कोटि का रहता हैअत: ऐसे में बच्चों का पारिवारिक मूल्य भी उच्च होने की संभावना रहती है। जबकि निम्न सामाजिक-आर्थिक स्तर वाले परिवारों के अभिभावक साधन कम होने के कारण बच्चों की इच्छाओं की पूर्ति नही कर पाते अत: ऐसे में बच्चे का व्यक्तित्व विकास एवं मूल्यों का विकास बाधित होने की संभावना पायी जाती हैअत: आवश्यकता इस बात की है कि बालक को परिवार में उच्च पारिवारिक मूल्यों के विकास के लिए उपयुक्त एवं इच्छित वातावरण मिलें जहाँ निवास करते हुए वह अपनी योग्यताओं एवं क्षमताओं को विकसित कर परिवारसमाज व राष्ट्र  को उन्नति के शिखर तक पहुँचाने में सहायक सिद्ध हो।

निष्कर्ष 1. निम्न, मध्यम एवं उच्च सामाजिक आर्थिक स्तर की महाविद्यालयीन छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों के अकों के माध्यों की गणना के आधार पर कहा जा सकता है कि निम्न, मध्यम एवं उच्च आर्थिक स्तर के महाविद्यालयीन छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों के माध्य अंकों में सार्थक अन्तर नही है। 2. विभिन्न आयु समूह की छात्रा़ओं के पारिवारिक मूल्यों के अंकों के मूल प्राप्तांकों के गणना के आधार पर कहा जा सकता है कि विभिन्न आयु समूह की छात्राओं के पारिवारिक मूल्यों के मध्य सार्थक अन्तर पाया गया।
भविष्य के अध्ययन के लिए सुझाव 1. अभिभावकों एवं महाविद्यालयीन शिक्षकों को छात्राओं को परिवार का महत्व समझाना चाहिए तथा छात्र-छात्राओं को परिवार को महत्व देने हेतु प्रेरित करना चाहिए।
2. महाविद्यालयों में छात्राओं के लिए कार्यशाला प्रशिक्षण आयोजित करके पारिवारिक मूल्यों का प्रशिक्षण देना चाहिए।
3. महाविद्यालयों एवं सामाजिक संगठनों को पारिवारिक मूल्यों से संबधित विशयों पर संगोष्ठियाँ आयोजित करके विद्यार्थियों में पारिवारिक मूल्यों के विकास को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
अध्ययन की सीमा 1. प्रस्तुत शोध अध्ययन की समष्टि में केवल इन्दौर शहर के विद्यार्थियों को सम्मिलित किया गया है।
2. शोध अध्ययन में केवल महिला छात्राओं को सम्मिलित किया गया है।
3. प्रस्तुत अध्ययन में केवल बीए, बीकाम, बी.एस.सी, इंजीनियरिंग, मेंडिकल एवं एम बीए की छात्राओं को सम्मिलित किया गया है।
आभार इस शोध कार्य हेतु डा. अनुराधा अवस्थी (गृहविज्ञानविभाग) शासकीय महारानी लक्ष्मी बाई गर्ल्स पी. जी कालेज इन्दौर के प्रति अन्तः मन से आभार प्रकट करती हूँ जिन्होंने विद्वता पूर्ण निर्देशन, प्रोत्साहन तथा शोध कार्य हेतु अमूल्य सुझाव प्रदान किया है।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
1. गंगोउपाध्याय, मयूराक्षी एवं सिकदर डिवोमिता (2016) ’’इफेक्ट आफ पर्सनल वैल्यूज आन साइकोलाजिकल वैल वींग आफ अरबन ऐण्ड रूरल यूथ’’ इण्टरनेशनल जनरल आफ होम साइंस 2016 issn 2395-7476 IJHS 2016;(2) 2: 370-373. 2. गुप्ता झरना (2012) व्यक्तिगत एवं सामाजिक कारक के संदर्भ में व्यक्तिगत मूल्यों का अध्ययन’’ वनस्थली विद्यापीठ राजस्थान। 3. कु. अर्चना एवं कु. स्वर्ण रेखा (2022) ’’माध्यमिक विद्यालय के छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धि पर उनके पारिवारिक वातावरण एवं सामाजिक वातावरण के प्रभाव का अध्ययन’’ अपनी माटी, ISSN 2322-0724 Apni Mati अंक 39. 4. भूटिया योदिदा (2013) पर्सनल वैल्यूज आफ सेकण्डरी स्कूल स्टूडेंट्स इंटरनेशनल जनरल आफ एजुकेशन ऐण्ड साइकोलॉजी रिसर्च IJEPR ISSN:2279-0179 volume-(2) issue 4, pp- 129 136 November 2013. 5. भारद्वाज भूमिका (2016) ने ’’विभिन्न सामाजिक आर्थिक स्तर के विद्यार्थियों के मूल्य एवं विद्यालय परिस्थितियों में समायोजन का अध्ययन’’ बुनियादी शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय सरदार शहर। 6. यादव संतोष कुमार : माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत् विद्यार्थियों के पारिवारिक वातावरण के सन्दर्भ में उनके शैक्षिक उपलब्धि का अध्ययन’’ इंटरनेशनल जनरल ऑफ एडवांस्ड एजुकेशनल रिसर्च खंड 3; अंक 2 मार्च 2018, पृष्ठ संख्या 295-297.