ISSN: 2456–5474 RNI No.  UPBIL/2016/68367 VOL.- VII , ISSUE- XI December  - 2022
Innovation The Research Concept
मालवांचल क्षेत्र अरावली श्रखंला एवं प्राचीनतम महाविद्यालय रामपुरा में पौधों की विविधता एवं ऐतिहासिक रहस्य
Plant Diversity and Historical Mystery In Malvanchal Area, Aravalli Range and Oldest College, Rampura
Paper Id :  16933   Submission Date :  14/12/2022   Acceptance Date :  22/12/2022   Publication Date :  25/12/2022
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मठुआ अहिरवार
सहायक प्राध्यापक एवं विभागाध्यक्ष
बनस्पति शास्त्र
शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय
नीमच, रामपुरा,मध्यप्रदेश, भारत
सारांश पश्चिमी मालवांचल क्षेत्र के अन्तगर्त नीमच जिले की जनपद पूर्व इंदौर स्टेट की राजधानी वर्तमान जिला मुख्यालय से 70 किलो मीटर दूर रामपुरा तहसील स्थित है। जो बिट्रिश शासन के समय से स्थापित स्कूल कॉलेज विद्यमान है। जहाँ प्राचीनतम वृक्षों एवं मंदिरों एवं मस्जिदों के लिए विख्यात है। रामपुरा रेंज के वन देशांतर एवं आक्षांतर 24.47N,75.43 E Cordinates 24.47 N -75.43E स्थित है। इसे भानपुरा सब रेंज में विभाजित किया गया है। यहां पर मध्यम ग्रीष्म तथा शरद ऋतु पाई जाती है औसत दैनिक तापमान पाया जाताहै, औसत न्यूनतम तापमान 9.63 से 24.72तक होता है। अधिकतम गरम महीने मार्च से जून होते हैं तथा दिसंबर से जनवरी तक शीत ऋतु होती है सामान्य वार्षिक वर्षा 800 से 1000mm होती है जल प्रदाय का मुख्य स्रोत कुआँ और टैंक हैं। रामपुरा रेंज वर्तमान में नीमच जिले की तहसील है जिसे रामा भील की नगरी के नाम से जाना जाता है। रामपुरा से 45 किलोमीटर की दूरी पर चंबल नदी पर गांधी सागर डैम स्थापित है इसमें गांधी सागर अभ्यारण स्थापित है। रामपुरा अरावली पर्वत श्रखला से घिरा हुआ है एक तरफ पानी और दूसरी तरफ अरावली की पहाड़ियां स्थित है ।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद Rampura tehsil is located 70 km away from the present district headquarter of Indore state capital of Neemuch district under Western Malvanchal region. The school college which has been established since the time of British rule is present. Which is famous for the oldest trees and temples and mosques. Rampura Range Forest is located in Longitude and Latitude 24.47N,75.43 E Coordinates 24.47 N -75.43E .
It is divided into Bhanpura sub range. Medium summer and autumn are found here, average daily temperature is found, average minimum temperature ranges from 9.63 to 24.72. The hottest months are from March to June and the winter season is from December to January. The normal annual rainfall is 800 to 1000 mm. The main sources of water supply are wells and tanks. Rampura range is currently a tehsil of Neemuch district which is known as Rama Bhil ki Nagari. Gandhi Sagar Dam is established on the Chambal river at a distance of 45 kilometers from Rampura, in which Gandhi Sagar Sanctuary is established.
Rampura is surrounded by Aravalli mountain range, on one side there is water and on the other side Aravalli hills.
मुख्य शब्द अरावली पर्वत, प्राचीन वृक्ष, विभेद पौधों की प्रजातियां, गांधी सागर डैम, मरुस्थलीय क्षेत्र, बावड़ी, कुआं।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Aravalli Mountains, Ancient Trees, Different Plant Species, Gandhi Sagar Dam, Desert Area, Stepwell, Well etc.
प्रस्तावना
यहां की मुख्य भूमि की डेक्कन ट्रैप है मृदा सामान्यतः काली वा पीली, मृदा कठोर तथा पथरीली होती है।
अध्ययन का उद्देश्य महाविद्यालय परिसर में प्राचीनतम वृक्ष प्राकृतिक वनस्पतियां एवं प्राचीनतम मंदिर एवं मकबरे आज भी स्थापित हैंजिनका संरक्षण होना बहुत जरुरीहै जो ऐतिहासिक तथ्य के रूप में प्रमाणिक है। परिसर में पौधों की विविधता के साथ-साथ प्राचीनतम बावडिया है जिसे देख कर मानो प्रकृति मोह लेती है। जिसमे जैविक वनस्पतियां आज भी जीवित है।इसलिए प्राचीनतम जलाशयों, औरवृक्षों को धरोहर के रूप संरक्षण किया जाना जरूरी है।
साहित्यावलोकन

लगभग 80 वर्ष पुराना महाविद्यालय है जिसकी स्थापना 1 अगस्त 1958 शिलालेख पर अंकित है ऐसा माना जाता है कि उज्जैन संभाग का सबसे प्राचीनतम महाविद्यालय रामपुरा    है। एक समय यह रामपुरा महाविद्यालय शिक्षा का हब था जिसे मिनी बोम्बे कहा जाता    था। रामपुरा में सबसे पुराना आई टी आई कॉलेज  है जो भारत के चुनिंदा आई टी आई कालेजों मैं से एक था। गाँधीसागर डैम के स्थापित हो जाने से लगभग यहाँ का विकास शिथल पड़ गया है। रामपुरा क्षेत्र से जुड़े कई प्राकृत स्थल है जिसमे प्राचीनतम वृक्ष, झरने, देखने योग्य है। महाविद्यालय में अध्ययन करने वाले छात्र आज भी आईएएस, इंजीनियर, डॉक्टर, प्रोफेसर तथा सीएम पद पर आसीन रहे हैं। माननीय पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा जीमध्य प्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री के पद पर रहे हैं जिन्होंने रामपुरा महाविद्यालय में अध्ययन   किया आज वर्तमान में भी देखा जाए तो माननीय श्री जगदीश देवड़ा  जी वित्त मंत्री के पद पर आसीन हैं जिनकी शिक्षा दीक्षा रामपुरा नगर में हुई, जो उनकी जन्म भूमि है। महाविद्यालय में अध्ययन करने वाले छात्र आज रामपुरा धरोहर के रूप में देखने के लिए आते हैं।

महाविद्यालय परिसर में पाए जाने वाले विविध पौधों की तालिका_1

सामान्य नाम

वानस्पतिक नाम

फैमिली

उपयोग

खिरनी

मोनिनकारा हेक्सेंड्रा

सोपोटेसी

यह है बल कारक, तृषा मूर्च्छा मद भ्रांति क्षय रक्त विकार, नाशक, रुचि कारक पुष्टि कारक, एवं प्रमेद नाशक

कैथ 

फेरोनिया लिमोनिया

रूटेसी

यह कुष्ठ को साफ करने वाला ग्राही नाशक है पाचन, रक्त पित्त अतिसार प्रवाहिका नाशक है

मेहंदी

लसोनिया एनर्मिस

लाइथ्रेसी

इस पौधे का उपयोग कफ, खांसी, पित्त दर्द, अल्सर, हेयरफाल, सिर दर्द, हेपेटाइटिस, त्वचा रोग व एनीमिया में उपयोग किया जाता है। महिलाएं इस की पत्ती का पाउडर बनाकर  हाथों में लगाती हैं।

सीताफल

एनोना स्कवैमोसा

एनोनेसी

इसकी पत्तियां क्रीमरोधी, मवेशियों का इलाज किया जाता है, फल शीतल होता है जो खाए जाते हैं।

अर्जुन

टर्मिनलिया अर्जुना

कॉम्ब्रेटेसी

शीतल, बल कारक, अस्थि भंग, हृदय रोग, रुधिर विकार, पसीना, भस्म रोग का नाश करता है 

बहेड़ा

टर्मिनलिया बेलरीका

कॉम्ब्रेटेसी

यह केस वर्धक, कड़वा कसैला, नेत्रों को हितकारी, खांसी, क्रमियो को नष्ट करता है पितृ की सूजन, मंदाअग्निनी आदि

पलाश

ब्यूटीया मोनोस्पर्मा

फेबेसिए

पलाश के पुष्प रंग बनाने, तथा फली  कृमि नाशक होती है यह शक्ति बादल और शीघ्र पतन को कम करता है। इसकी लकड़ी यज्ञ, संस्कार के लिए, लकड़ी से रेसे निकाल कर कृषि उपकरण, रस्सी बनाई जाती हैं।

खेजड़ा

प्रोसोपिस सिनेरिया

फेबेसिए

यह राजस्थान का राजकीय वृक्ष है इसमें अनेक औषधीय गुण पाए जाते हैं खेजड़ी शमी, वृक्ष, नाम से भी जाना जाता है। आयुर्वेद में इस वृक्ष की लकड़ी पूजा यज्ञ समिधा  के लिए  पवित्र मानी जाती है

आंवला 

फायलेंथस एंब्लिका 

फायलेंथेसी

यह विटामिन सी का स्रोत है यह स्वास रोग, कब्ज, दमा, रक्तपित्त, हृदय, मूत्र विकार आदि अनेक रोगों को नष्ट करने की शक्ति रखता है।

खजूर

फीनिक्स डैक्टीलीफेरा

अरेकेसी

यह पौष्टक बलवर्धक शीतल गुणों वाला होता है इसमें विटामिन, प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट की प्रचुर मात्रा पाई जाती है खजूर के पत्तों से झाड़ू ब्रश और रस्सियां बनाई जाती हैं।

बरगद 

फाइकस बेंगलेंसिस

मोरसी

भारत का राष्ट्रीय वृक्ष है इसे बड या बट कहते हैं धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ज्येष्ठ महीने में अमावस्या के दिन वट सावित्री की पूजा की जाती है। लैक्सटिक्स  औषधि के रूप मैं प्रयोग किया जाता है।

शीशम

डलबर्गिया सिस्सो

फेबेसिए

कष्टीय बहूउपयोगी वृक्ष है, पत्तियाँ धात प्रदय, सफेद प्रदय मैं उपयोगी है।

चिरोल

होपलोवटिलिया एंटेग्रिफोलिया

अलमोसी

एंटीएलर्जी  औषधीय पाई जाती है। लैक्ट्रिक्स से दाद खाज खुजली तथा एग्जिमा लोशन तैयार किए जाते हैं।

इमली

टामांरिंडूस इंडिका

फबैसी

अग्नि प्रदीप तृषा शामक,  रोचक, विटामिन सी का अच्छा स्रोत है फली का उपयोग, चटनी बनाने में किया जाता है।

यूकेलिप्टस

यूकेलिप्टस टेरिटीकार्नेस

मिर्टैसी

ऊंचे वृक्ष से इमारती लकड़ी प्राप्त की जाती है जो जहाज बनाना, खंबे तथा सस्ते फर्नीचर बनाए जाते हैं यूकेलिप्टस से तेल निकाला जाता है जो नाक, गले, गुर्दे तथा पेट की बीमारी एवं जुखाम की औषधि के रूप में प्रयुक्त होती है इसकी छाल  कागज  बनाने के काम में प्रयुक्त होती है।

बेलपत्र

एगल मारमीलोस

रूटैसी

अग्नि वर्धक पाचक आंत शक्ति को बढ़ाना, वात नाशक, धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इसे शिव का रूप माना जाता है

पीला कनेर

थ्रवेशिया पेरूवियाना

एपोसायनेसिस

यह शोभा कारी पौधा है इसकी पत्तियों को गाय, बकरी तथा अन्य कोई जानवर नहीं खाता है कनेर की पत्तियों को पीसकर तेल बना कर लेप करने से जोड़ों की पीड़ा तथा खुजली में लाभ मिलता है

नागफनी

ओपशिनया डीलैनी

कैंकटैसी

यह आयुर्वेदिक पौधा है, इसका तना मासल व पत्तियों में काटे पाए जाते है पत्तियों  से सेक करने  से जोड़ों का दर्द  व बात   रोग मैं लाभकारी है।

बेर छोटा 

जीजीफुस हुमूटेरिया

रैननकुलैसी

शीतल ग्राही, इसकी गुठली की गिरी शुक्र वर्धक,  दाह नाश्क होती है।

सेमल

बामबॉक्स सेइबा 

बॉम्बेसी 

वात रक्त, रक्तपित्त, बाजीकरण, संग्राही पौष्टिक होता है। कॉटन तैयार की जाती है।

अमलतास

कैसिया फीसटूला

सीसल्पाइसी(फेबेसी)

ज्वर रुचिकर, फली के बीज का तेल बालों के झड़ने को रोकता  है और बालो को  काला बनाए रखने के काम आता है

सागौन 

डेटोना  ग्रैंडिस

लैमेसी

यह बहुमूल्य मालती लकड़ी होती है जिसे इमारती लकड़ी का राजा कहा जाता है बीज औषधि उपयोगी तथा इससे उच्च क्वालिटी का फर्नीचर बनाए जाते हैं

नीम

एजाडीरेक्टका इंडिका

मैलिएसी

यह घनवटी नामक आयुर्वेद में आती है जो मधुमेह में उपयोगी मानी जाती है यह रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक है यह पेड़ संपूर्ण भाग औषधि माना जाता है जिसे रामबाण कहते हैं।

सहजन

मोरिंगा ओलिफेरा

मोरिंगएसी

इसमें पोषक तत्वों की प्रचुर मात्रा पाई जाती है । संपूर्ण भाग औषधि के रूप में माना जाता है।

बबूल

अकेसिया निलॉटिका

मेमोऐसी

इसे देसी कीकर कहा जाता है। बाबुल की पतली टहनी दातोंन के काम में आती है। इसका गोंद उत्तम कोटि का माना जाता है जो औषधि गुण से भरपूर होता है

आक

कैलोट्रोपिस प्रॉसेरा

इसके पत्ते लैट्रिक्स चोट मोच के सेक करने में उपयोगी है। इसकी जड़ से पेट दर्द नाशक औषधि बनाई जाती है।

साइकस

साइकेडेसी

यह आव्रतबीजी पौधा है शोभा कारी भी माना जाता है।

जामुन

सिजिजियम कुमीनी

यह मूत्र सग्रहणी, अतिसार मलावरोधक, मधुमेह नाशक है।

गूलर 

फाइकस ग्लोमेरेटा

यह मधुर विपाक, शीतवीर्य, यौनरोग, गर्भाशय विकार नाशक है।

 


मुख्य पाठ


निष्कर्ष उपर्युक्त प्राचीन महाविद्यालय को भौतिक संसाधन से सुविधा मुहैया प्राप्त होगी तो निश्चित ही जैव विविधता को संरक्षित के साथ रिसर्च केंद्र स्थापित हो सकता है। और एग्रीकल्चर के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर कार्य किया जा सकता है। गांधी सागर डैम पर्यटन के क्षेत्र के अंतर्गत आता है। महाविद्यालय में पर्यटन और फिशरकल्चर जैसे पाठयक्रमों की जरूरत है।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
1. वन औषधि जड़ी बूटी दिनेश चंद्र हिंदी सेवा सदनमथुरापेज,203 2. वन औषधि जड़ी बूटी दिनेश चंद्र हिंदी सेवा सदन मथुरा उत्तर प्रदेश पेज नंबर पेज 191,558। 3. भारतीय दिव्य जड़ी बूटियां एम कुमार शर्मा प्रकाशक रवि पॉकेट बुक्स 33 हरी नगर मेरठ पेज संख्या 498। 4. वनस्पति औषधि विज्ञान वैध रमेश भूत्या साइंटिफिक पब्लिशर्स इंडिया जोधपुर 5. यूनिफाइड वनस्पति विज्ञान द्वितीय वर्ष प्र एस बीअग्रवाल शिवलाल एंड कंपनी पुस्तक प्रकाशन खजूरी बाजार इंदौर पेज संख्या 344 से 345 6. सिंह पांडे जैन वनस्पति विज्ञान टेस्टबुक वनस्पति रस्तोगी पब्लिकेशन गंगोत्री शिवाजी रोड मेरठ पेज संख्या 43_,65 7. भारतीय वृक्ष संपदा और उनकी पुष्पीय संपदा डॉक्टर रतन लाल मिश्रबालाजी प्रकाशन13 33 साघों का रास्ता किशनपोल बाजार जयपुर 8. टेक्स्ट बुक ऑफ बॉटनी एससी श्रीवास्तव डॉ आर एस यूनिवर्सल बुक डिपो पाटणकर बाजार ग्वालियर संख्या 402 9. druickvahrevah.Com 10. डॉ सारा अत्तारी प्राचार्य शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुरा जिला नीमच मध्य प्रदेश 11. डॉ बलराम सोनी सहायक प्राध्यापक फिजिक्स शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय रामपुरा जिला नीमच मध्य प्रदेश 12. यूनिफाइड वनस्पति विज्ञान शिवलाल एंड कंपनी पेज संख्या 319 13. श्रृंखला एक शोध परक वैचारिक पत्रिका दिसंबर 2020