ISSN: 2456–5474 RNI No.  UPBIL/2016/68367 VOL.- VII , ISSUE- XII January  - 2023
Innovation The Research Concept
विभिन्न स्तर की संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन का अध्ययन
Study of Adjustment of Students with Different Level of Emotional Intelligence
Paper Id :  17089   Submission Date :  08/01/2023   Acceptance Date :  21/01/2023   Publication Date :  25/01/2023
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विशाल उपाध्याय
प्राचार्य
शिक्षाशास्त्र विभाग
बी.वी.एम. टी.टी. कॉलेज
बांसवाडा,राजस्थान, भारत
कृष्ण गोपाल
शोधार्थी
शिक्षाशास्त्र विभाग
गोविन्द गुरू जनजातीय विश्वविद्यालय
बांसवाडा, राजस्थान, भारत
सारांश विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटर, इण्टरनेट आदि जहाँ एक ओर धनात्मक रूप से विकासोन्मुख बना रहे हैं, देश दुनिया से सम्बन्ध स्थापित करा रहे हैं वहीं दूसरी ओर विविध सामाजिक विकारों एवं प्रवृत्तियों को भी अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रहे हैं। कुछ बच्चे बुद्धिमान होते हैं पर संवेगात्मक बुद्धि की कमी के कारण वे शीघ्रता पूर्वक नवीन परिस्थितियों के साथ समायोजन नहीं कर पाते हैं। मस्तिष्क में हावी होती चिन्ताएं या तनाव इनका ध्यान भटका देती है या वे छोटी-छोटी कठिनाईयों से घबराकर पढ़ाई से दूर भागने लगते हैं। प्रस्तुत शोध कार्य के उद्देश्य विभिन्न स्तर की संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन का अध्ययन करना है। प्रस्तुत शोध कार्य में 600 विद्यार्थियों को यादृच्छिक विधि सेे चयन किया गया। दत्त संकलन हेतु मानकीकृत उपकरणों संवेगात्मक बुद्धि मापनी एवं समायोजन मापनी का प्रयोग किया गया। दत्तों के विश्लेषण हेतु शून्य परिकल्पनाओं का निर्माण कर एनोवा सांख्यिकी का प्रयोग कर निष्कर्ष प्राप्त किये गये हैं। निष्कर्ष में पाया कि माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया गया है। शहरी क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया गया। ग्रामीण क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया गया। माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाये जाने का कारण यह है कि विद्यार्थियों के समायोजन पर अन्य चरों का प्रभाव भी पड़ता है जैसे- परिवार, विद्यालय, आस-पड़ोस आदि।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद Science, technology, computers, internet etc., where on the one hand they are making development oriented positively, countries are establishing relations with the world, on the other hand they are indirectly promoting various social disorders and trends. Some children are intelligent but due to lack of emotional intelligence, they are unable to adjust quickly to new situations. The worries or tension dominating the mind, distract their attention or they start running away from studies due to small difficulties. The objective of the present research work is to study the adjustment of students with different levels of emotional intelligence. In the present research work, 600 students were randomly selected. Standardized instruments Emotional Intelligence Scale and Adjustment Scale were used for data collection. Conclusions have been obtained using ANOVA statistics by making null hypothesis for data analysis. In conclusion, it was found that no significant difference was found in the adjustment of secondary level students with high, average and low emotional intelligence.
मुख्य शब्द संवेगात्मक बुद्धि, समायोजन।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Emotional Intelligence, Adjustment.
प्रस्तावना
बालक का पूर्ण विकास संवेगात्मक बुद्धि के बिना सम्भव नहीं होता। संवेग का हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान होता है। जब कोई वांछित शक्ति या कार्य क्षमता बालक में पैदा करनी हो उस समय बालक में सम्बन्धित संवेग की उत्पत्ति करनी चाहिए। इन संवेगों का बालक के मानसिक एवं शारीरिक विकास पर प्रभाव पड़ता है। तीव्र संवेग मानसिक तनाव पैदा करके बालकों के ध्यान को भंग कर देते हैं और बालक दत्तचित्त होकर अध्ययन करने में असफल रहता है। संवेग बालक के सामाजिक समायोजन पर भी प्रभाव डालते हैं कभी-कभी बालक के कुसमायोजन के लिए संवेगों का प्रभाव उत्तरदायी होता है।
अध्ययन का उद्देश्य 1. माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन का अध्ययन करना। 2. शहरी क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन का अध्ययन करना। 3. ग्रामीण क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन का अध्ययन करना।
साहित्यावलोकन

अध्ययन का औचित्य
बदलते सामाजिक परिवेश में बढ़ती प्रतिस्पर्धा, भाग दौड़ की जिन्दगी व आधुनिक जीवन के दबाव ने परिस्थितियों को विकट बना दिया है। इस अव्यवस्थित जिन्दगी में मनुष्य कुण्ठित हो जाता है। जिसका प्रभाव उसकी बुद्धि पर भी पड़ता है। आधुनिक समाज में मनोरंजन के अत्याधुनिक साधनों के माध्यम से किशोर-किशोरियों का संवेगात्मक दोहन करके उन्हें पथभ्रष्ट किया जा रहा है। विज्ञान, प्रौद्योगिकी, कम्प्यूटर, इण्टरनेट आदि जहाँ एक ओर धनात्मक रूप से विकासोन्मुख बना रहे हैं, देश दुनिया से सम्बन्ध स्थापित करा रहे हैं वहीं दूसरी ओर विविध सामाजिक विकारों एवं प्रवृत्तियों को भी अप्रत्यक्ष रूप से बढ़ावा दे रहे हैं। कुछ बच्चे बुद्धिमान होते हैं पर संवेगात्मक बुद्धि की कमी के कारण वे शीघ्रता पूर्वक नवीन परिस्थितियों के साथ समायोजन नहीं कर पाते हैं। मस्तिष्क में हावी होती चिन्ताएं या तनाव इनका ध्यान भटका देती है या वे छोटी-छोटी कठिनाईयों से घबराकर पढ़ाई से दूर भागने लगते हैं।
अतः विभिन्न स्तर की संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन का अध्ययन करने का विचार शोधार्थी के मन में उत्पन्न हुआ। जिससे प्राप्त परिणामों का लाभ समाज को मिल   सके।

सामग्री और क्रियाविधि
प्रस्तुत अध्ययन कार्य में सर्वेक्षण विधि का प्रयोग किया गया है। चर- प्रस्तुत शोध के चर निम्न प्रकार है- स्वतंत्र चर- प्रस्तुत शोध में स्वतंत्र चर के रूप में विद्यार्थियों की संवेगात्मक बुद्धि को लिया गया है। आश्रित चर- प्रस्तुत शोध में आश्रित चर के रूप में विद्यार्थियों के समायोजन को लिया गया है।
न्यादर्ष

प्रस्तुत शोध कार्य में राजस्थान राज्य के जयपुर जिले के माध्यमिक स्तर के कुल विद्यार्थियों में से 600 विद्यार्थियों का चयन न्यादर्श के रूप में यादृच्छिक विधि से किया गया है। जिसमें 300 विद्यार्थी शहरी क्षेत्र के एवं 300 विद्यार्थी ग्रामीण क्षेत्र के लिए गये हैं।

प्रयुक्त उपकरण प्रस्तुत शोध में निम्न उपकरणों का प्रयोग किया गया है-
1. संवेगात्मक बुद्धि- शोधार्थी द्वारा विद्यार्थियों की संवेगात्मक बुद्धि का अध्ययन करने हेतु अनुकूल हीडे, संजोत पेठे एवं उपेन्द्र धार द्वारा निर्मित संवेगात्मक बुद्धि परीक्षण का प्रयोग किया गया है।
2. समायोजन- शोधार्थी द्वारा विद्यार्थियों के समायोजन का अध्ययन करने हेतु डॉ. ए.के.पी. सिन्हा एवं आर.पी.सिंह द्वारा निर्मित समायोजन मापनी का प्रयोग किया गया है।
अध्ययन में प्रयुक्त सांख्यिकी

प्रस्तुत अध्ययन में शोधकर्ता ने अपने शोध कार्य के परिणामों व निष्कर्षों को प्राप्त करने के लिए एनोवा (Anova) सांख्यिकी विधि का प्रयोग किया गया है।

विश्लेषण

परिकल्पना-1 माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया जाता है।



तालिका संख्या-1

क्र.सं.

समूह की संख्या का नाम

कुल संख्या

प्राप्तांकों का योग

मध्यमान

1.

उच्च संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों का समायोजन (n1)

109

4213

38.65

2.

औसत संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों का समायोजन (n2)

392

15194

38.76

3.

निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों का समायोजन (n3)

99

3822

38.60

प्रसरण विश्लेषण सम्बन्धी आंकड़े

स्रोत

स्वतंत्र अंश

समूह का वर्ग

माध्य का वर्ग

F

मान

अन्तःक्रिया

 

2

2.42

1.20

 

0.058

समूह के मध्य का योग

597

      

12321.85

20.63

कुल योग.

599

12324.27

      

एफ मूल्य = 0.03
तालिका संख्या-1 के अवलोकन से ज्ञात होता है कि F का प्राप्त मूल्य 0.058 है जो d df 2,597 पर F तालिका मान 0.05 के सारणीयन मान 3.03 से कम है। अतः माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समयोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया जाता है।
परिकल्पना-2 शहरी क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया जाता है।
तालिका संख्या-2

क्र.सं.

समूह की संख्या का नाम

कुल संख्या

प्राप्तांकों का योग

मध्यमान

1.

शहरी क्षेत्र के उच्च संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों का समायोजन (n1)

65

2548

39.20

2.

शहरी क्षेत्र के औसत संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों का समायोजन (n2)

182

7260

39.82

3.

शहरी क्षेत्र के निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों का समायोजन (n3)

53

2091

39.45

प्रसरण विश्लेषण सम्बन्धी आंकड़े
स्रोत

स्वतंत्र अंश

समूह का वर्ग

माध्य का वर्ग

F

मान

अन्तःक्रिया

 

2

25.66

12.83

0.61

समूह के मध्य का योग

297  

6175.33

20.79

कुल योग.

299

6200.99

      

एफ मूल्य = 3.00
तालिका संख्या-2 के अवलोकन से ज्ञात होता है कि F का प्राप्त मूल्य 0.61 है जो d df 2, 297 पर F  तालिका मान 0.05 के सारणीयन मान 3.00 से कम है। अतः शहरी क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समयोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया जाता है।
परिकल्पना-3 ग्रामीण क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया जाता है।
तालिका संख्या-3

क्र.सं.

समूह की संख्या का नाम

कुल संख्या

प्राप्तांकों का योग

मध्यमान

1.

ग्रामीण क्षेत्र के उच्च संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों का समायोजन (n1)

44

1665

37.84

2.

ग्रामीण क्षेत्र के औसत संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों का समायोजन (n2)

210

7934

37.78

3.

ग्रामीण क्षेत्र के निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों का समायोजन (n3)

46

1731

37.63

प्रसरण विश्लेषण सम्बन्धी आंकड़े

स्रोत

स्वतंत्र अंश

समूह का वर्ग

माध्य का वर्ग

F मान

अन्तःक्रिया

 

2

1.14

0.56

0.03

समूह के मध्य का योग

297  

5582.52

18.79

कुल योग.

299

5583.66

      

एफ मूल्य = 3.00
तालिका संख्या-3 के अवलोकन से ज्ञात होता है कि F का प्राप्त मूल्य 0.03 है जो d df 2, 297 पर F तालिका मान 0.05 के सारणीयन मान 3.00 से कम है। अतः ग्रामीण क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समयोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया जाता है।

निष्कर्ष 1. माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया गया। 2. शहरी क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया गया। 3. ग्रामीण क्षेत्र के माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाया गया। माध्यमिक स्तर के उच्च, औसत एवं निम्न संवेगात्मक बुद्धि वाले विद्यार्थियों के समायोजन में सार्थक अन्तर नहीं पाये जाने का कारण यह है कि विद्यार्थियों के समायोजन पर अन्य चरों का प्रभाव भी पड़ता है जैसे- परिवार, विद्यालय, आस-पड़ोस आदि।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
1. श्रीवास्तव, डी. एन एवं श्रीवास्तव, वी. एन. (2010): आधुनिक विकासात्मक मनोविज्ञान, आगरा, श्री विनोद पुस्तक मन्दिर। 2. गोलमैन, डेनियल (1995): इमोशनल इण्टेलीजेन्सी, न्यूयार्क, बांथम बुक्स। 3. जायसवाल, सीताराम: शिक्षा मनोविज्ञान, लखनऊ, डालीगंज रेलवे क्रासिंग, सीतापुरा रोड़। 4. स्वामी कुप्पु वी. (1972): समाज मनोविज्ञान एक परिचय, चण्ढ़ीगढ़, हरियाणा हिन्दी ग्रन्थ अकादमी। 5. Arkoff, Abe (1968) : Adjustment and mental health, New york, Mcgraw Hill Book co.1968. 6. अनुकूल हीडे, संजोत पेठे एवं उपेन्द्र धार : संवेगात्मक बुद्धि परीक्षण 7. डॉ. ए.के.पी. सिन्हा एवं आर.पी सिंह : समायोजन मापनी