ISSN: 2456–5474 RNI No.  UPBIL/2016/68367 VOL.- VIII , ISSUE- I February  - 2023
Innovation The Research Concept
उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत विद्यार्थियो मे रसायन विज्ञान विषय के प्रति पायी जाने वाली अभिवृति का अध्ययन
Study of Attitude Found in Students Studying at Higher Secondary Level Towards Chemistry Subject
Paper Id :  17200   Submission Date :  01/02/2023   Acceptance Date :  22/02/2023   Publication Date :  25/02/2023
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आरती पटवा
शोधार्थी
शिक्षा विभाग
राजस्थान विश्वविद्यालय
जयपुर,राजस्थान, भारत
मुदित राठौड
निर्देशक
शिक्षा विभाग
राजस्थान विश्वविद्यालय
जयपुर, राजस्थान, भारत
सारांश प्रस्तुत शोध का मुख्य उद्वेष्य उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत विद्यार्थियों मे रसायन विज्ञान विषय के प्रति पाई जाने वाली अभिवृति का अध्ययन है। विष्लेषण करने के उपरान्त पाया गया कि उच्च माध्यमिक स्तर के विद्यार्थियों की रसायन विज्ञान विषय के प्रति अभिवृति व जागरूकता के मध्य धनात्मक सार्थक सह- सम्बन्ध पाया गया।
सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद The main objective of the present research is to study the attitude found in the students studying at higher secondary level towards chemistry subject. After analysis, it was found that a positive significant correlation was found between the attitude and awareness of higher secondary level students towards chemistry subject.
मुख्य शब्द अभिवृति, रसायन विज्ञान, उच्च माध्यमिक स्तर व जागरूकता ।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Aptitude, Chemistry, Higher Secondary level and Awareness.
प्रस्तावना
शिक्षा की प्रकिया को निश्चित, नियमित एंव उपयोगी बनाने के लिये सार्थक क्रियाओं की एक क्रमिक योजना प्रस्तुत की जाती है जिसें हम पाठ्यक्रम कहते है। पाठ्यपुस्तक के बिना पाठ्यक्रम का प्रारूप अस्पष्ट एवं अपूर्ण होता है। एक आदर्श शिक्षा व्यवस्था मे पाठ्यपुस्तक पाठ्यचर्या के कार्यान्वयन के लिये आवश्यक है। पाठ्यपुस्तके वे पुस्तकें है जो किसी स्तर के विद्यार्थियों की पाठ्यचर्यानुसार तैयार की जाती है। इनमें वे तथ्य एंव सूचनॉए निहित होती है। जिनका ज्ञान उस स्तर के विद्यार्थियों को हम देना चाहते है। परिभाषा- हेरोकिलर के अनुसार- पाठ्यपुस्तक ज्ञान, अनुभवों, भावनाओं, विचारो तथा प्रवृतियांे व मूल्यांे के संचय का साधन है।
अध्ययन का उद्देश्य 1. उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत कक्षा 11 वी के विद्यार्थियों की रसायन विज्ञान विषय की पाठ्यपुस्तक (प्रथम भाग) के प्रति अभिवृति का अध्ययन करना। 2. उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत कक्षा 11 वी के विद्यार्थियों की रसायन विज्ञान विषय की पाठ्युपुस्तक (द्वितीय भाग) के प्रति अभिवृति का अध्ययन करना। 3. उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत कक्षा 12 वी कें विद्यार्थियों की रसायन विज्ञान विषय की पाठ्यपुस्तक (प्रथम भाग) के प्रति अभिवृति का अध्ययन करना। 4. उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत कक्षा 12 वी के विद्यार्थियों की रसायन विज्ञान विषय की पाठ्यपुस्तकों (द्वितीय भाग) के प्रति अभिवृति का अध्ययन करना।
साहित्यावलोकन

परिभाषा:- जे.एफ.एम.रमल के अनुसार- ‘‘नियमानुसार कोई भी शोध सम्बधित लिखित विवरण तब तक उपयुक्त नही समझा जा सकता जब तक कि उस शोध से सम्बधित साहित्य का आधार उस विवरण मे न हो।

गोपाल कृष्ण के.आर. (1997) ‘‘ए क्रिटीकल एनालिसिस ऑफ द न्यू मैथेटिक्स सिलेबस एण्ड टेक्स्ट बुक्स इन द अपर प्राइमरी क्लासेज दन केरल’’ शोध का मुख्य उद्देश्य केरल मे उच्च प्राथमिक कक्षाओं मे प्रयोग की जाने वाली गणित विषय के नये सिलेबस और पुस्तक का समालोचनात्मक विश्लेषण करना था। अपने इस अध्ययन मे शोधकर्ता ने 250 अध्यापकों तथा शैक्षिक विशेषज्ञों का न्यादर्श के रूप मे चयन किया। शोध निष्कर्ष मे पाया गया कि पाठ्यपुस्तक की संरचना उपयुक्त थी। पाठ्यपुस्तक का सिलेबस एनसीईआरटी नई दिल्ली के सिलेबस से भिन्न था इसके लिए सुझाव दिया गया कि पाठ्यपुस्तक मे कुछ व्यावहारिक जीवन से सम्बन्धी समस्या, खोजपूर्ण तरीकों, कठिन समस्याओं आदि को शामिल किया जाता चाहिए।

सिंह, सुखवीर (1998) उच्च माध्यमिक स्तर पर रसायन विज्ञान की पाठ्यपुस्तक मे सामान्य त्रुटियों का अध्ययन शोध का मुख्य उद्देश्य था माध्यमिक स्तर पर रसायन विज्ञान की पाठ्यपुस्तक मे सामान्य त्रृटियों का अध्ययन करना। शोध निष्कर्ष मे पाया गया कि रसायन विज्ञान की इस पाठ्यपुस्तक मे 13 प्रतिशत ही सामान्य त्रुटियां पायी गयी है तथा पाठ्यपुस्तक की 3 प्रतिशत सामान्य त्रुटियों को उपाचारात्मक शिक्षण के माध्यम से आसानी से सुधारा जा सकता है।

ए अमलराज (1999) कक्षा 5 से 8 की भौतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों का विश्लेषणात्मक अध्ययन शोध अध्ययन के मुख्य उद्देश्य थे कक्षा 5 से 8 की भौतिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों का विश्लेषणात्मक अध्ययन करना। शोध निष्कर्ष मे पाया गया कि पाठ्य सामग्री विद्यार्थियों के वैज्ञानिक जीवन मूल्यो को विकसीत करती है।

अजीत 2003, कक्षा 3 स्तर का हमारा परिवेश पाठ्यपुस्तक का विश्लेषणात्मक अध्ययन’’ शोध का मुख्य उद्देश्य कक्षा 3 स्तर का  हमारा परिवेशपाठ्यपुस्तक का विश्लेषणात्मक अध्ययन करना और शोध निष्कर्ष मे पाया गया कि कक्षा 3 स्तर पर हमारा परिवेशपाठ्यपुस्तक विद्यार्थियों की मानसिक क्षमता के अनुरूप है, पाठ्यपुस्तक की विषय वस्तु विद्यार्थियो के प्रतिदिन के जीवन से जुडी है। पाठ्यपुस्तक भाषा- शैली एंव प्रस्तुतीकरण संतोषजनक है, लेकिन भौतिक पक्ष के अनुसार पुस्तक अंसतोषजनक है, पाठ्यपुस्तक का मुख्य पृष्ठ आकर्षक नहीं है और पृष्ठ भी स्तरीय नही है।

समस्या का औचित्य-    प्रस्तुत शोध समस्या वर्तमान परिप्रेक्ष्य मे अति महत्वपूर्ण है तथा इस पर अध्ययन नही किया गया है प्रस्तुत शोध उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययन विद्यार्थियो मे रसायन विज्ञान विषय के प्रति पायी जाने वाली अभिवृत्ति तथा विद्यार्थियों का दृष्टिकोण का अध्ययन है।

समस्या कथन-  ‘‘उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत विद्यार्थियो मे रसायन विज्ञान विषय मे प्रति पायी जाने वाली अभिवृत्ति का अध्ययन’’

तकनीकी शब्दों का परिभाषीकरण-

1. अभिवृति- वह मानसिक एंव भावनात्मक वस्तु है जो किसी व्यक्ति की विशेषतांए या अभिलाक्षणिक निर्धारित करती है।

2. रसायन विज्ञान- विज्ञान की वह महत्वपूर्ण शाखा जिसमें पदार्थो के संगठन, संरचना, गुणों और द्रव्यों का अध्ययन किया जाता है।

3. उच्च माध्यमिक स्तर- कक्षा 11वी व 12वी के विद्यार्थीगण ।

4. जागरूकता- किसी भी विषय के प्रति सचेत होने की भावना।

मुख्य पाठ

रसायन विज्ञान का महत्वः- रसायन विज्ञान का महत्व आधुनिक जीवन मे बहुत अधिक है। रसायनों के कारण ही कृषि मे क्रातिंकारी प्रगति हो रही है। अनेक प्रकार के उर्वरक आदि जिनसे खेतों मे उर्वरा शक्ति बढती है रसायन विज्ञान की ही देन है। रसायन विषय एक ऐसी शाखा बन गई है जिसका मानव जीवन मे 80 प्रतिशत से अधिक  उपयोग लिया जाता है क्योंकि जितनी वस्तुएँ हमारे आसपास देखने को मिलती है, वह सब रसायन विज्ञान की ही देन है।

मानव जीवन मे रसायन विज्ञान के महत्व के कुछ उदाहरण निम्नलिखित है-

1. खाद्य सामग्री मे रसायन

2. घरेलू वस्तुओं के निर्माण मे रसायन विज्ञान

3. सौंदर्य प्रसाधन मे रसायन विज्ञान

4. साफ सफाई मे रसायन विज्ञान

5. मनुष्य की सुरक्षा मे रसायन विज्ञान

6. दवाईयों के निर्माण मे रसायन विज्ञान

7. कृषि के क्षेत्र मे रसायन विज्ञान

रसायन विज्ञान की एक अच्छी पाठ्यपुस्तक की प्रमुख विशेषताएँ शिक्षण के कार्य में पाठ्यपुस्तकें सहायक हो रही है तथा अध्यापकों का मार्ग भी प्रशस्त करती आ रही है।

एक विद्वान के शब्दों मे- पाठ्यपुस्तकें ज्ञान को मितव्ययी ढंग से प्रदान करने के लिए आवश्यक है, यह मनुष्यों तथा अध्यापकों का समय बचाती है, एक ही समय मे लाखों मनुष्य के हृदय को प्रभावित करती है। इसके द्वारा स्वाध्याय तथा आत्मविश्वास की वृद्धि की जा सकती है।

मैक्सवैल के मतानुसार It is at least the medium through which one teacher presents a subject to one class.

1. अध्यायीकरण व अनुच्छेदीकरण (Chapterisation and Paragraphing)

2. तार्किक संगठन (Logical Organisation)

3. अधिगम सिद्धांतों से अनुरूपता (Conformity to Principales of learning)

4. भाषा की उपयुक्तता व शुद्धता (Suitability and Accuracy of Language)

5. शिक्षण निर्देशन (Teaching Guidance)

6. दृष्टांत सामग्री (Illustrations)

7. पुस्तक की भौतिक विशेषताएँ (Physical feature of a book)

परिकल्पनाः-

1. उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत कक्षा 11 वी के के विद्यार्थियों की रसायन विज्ञान विषय की पाठ्यपुस्तक  के प्रथम भाग व द्वितीय भाग के प्रति पाये जाने वाली अभिवृति में सार्थक अन्तर नहीं पाया जाता है।

2. उच्च माध्यमिक स्तर पर अध्ययनरत कक्षा 12वी के विद्यार्थियों की रसायन विज्ञान विषय की पाठ्यपुस्तक के प्रथम भाग व द्वितीय भाग के प्रति पाये जाने वाली अभिवृत्ति में सार्थक अन्तर नहीं पाया जाता है।


शोध सांख्यिकीं- प्रतिशत =  प्राप्त आवृतियां x 100

                           कुल आवृतियां


शोध सांख्यिकीं- प्रतिशत =  प्राप्त आवृतियां x 100

                           कुल आवृतियां

निष्कर्ष अतः उच्च माध्यमिक स्तर के 11 वी के विद्यार्थियों की रसायन विज्ञान विषय के प्रति पायी जाने वाली अभिवृति व जागरूकता मे कोई सार्थक अन्तर नही है।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची
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