ISSN: 2456–5474 RNI No.  UPBIL/2016/68367 VOL.- VIII , ISSUE- VIII September  - 2023
Innovation The Research Concept

अनुसूचित गोंड जनजाति में मीडिया की पहुँच व उपयोग का अध्ययन (उत्तर बस्तर कांकेर जिले के दुर्गुकोंदल ब्लॉक के दमकसा गाँव के संदर्भ में)

Study of Access and Use of Media in Scheduled Gond tribe (With Reference to Damkasa Village of Durgukondal Block of Uttar Bastar Kanker District)
Paper Id :  17518   Submission Date :  01/09/2023   Acceptance Date :  19/09/2023   Publication Date :  25/09/2023
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कुमार सिंह तोप्पा
शोधार्थी
मास कम्युनिकेशन
कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय
रायपुर,छत्तीसगढ़, भारत
सारांश

भारत में विविध समुदाय, जाति, धर्म, संस्कृति को मानने वाले लोग निवास करते हैं। भारत में अनुसूचित जनजाति की कई समूह है। देश के कुल जनसंख्या में अनुसूचित जनजातियों की जनसंख्या 8.2 प्रतिशत है। अनुसूचित जनजातियों को आदिवासी भी कहा जाता है। छत्तीसगढ़ में 42 अनुसूचित जनजाति समुदाय निवास कर रही है। इनमें गोंड जनजाति सबसे बड़ा जनजाति समाज है, छत्तीसगढ़ में 30.62 प्रतिशत अनुसूचित जनजातियों की है। मीडिया मनुष्य की सूचना आवश्यकताओं को पूरा करने का सबसे बड़ा संचार माध्यम है। मीडिया के द्वारा तीव्र गति से सूचनाओं को लोगों तक पहुँचाया जाता है। सूचना सम्प्रेषण के अभाव में मानव का अतिशीघ्र विकास नहीं किया जा सकता है। मीडिया समाचार प्राप्त करने का महत्वपूर्ण साधन है। मीडिया में प्रकाशित और प्रसारित सूचनाओं के अभाव में अनुसूचित गोंड जनजाति समाज का समुचित विकास नहीं किया जा सकता। प्रस्तुत शोध पत्र में अनुसूचित गोंड जनजाति समाज में मीडिया की पहुँच और उपयोग का अध्ययन किया गया है। शोध पत्र हेतु न्यादर्श अनुसूचित गोंड जनजाति समुदाय को रखा गया है। साक्षात्कार अनुसूची के द्वारा आकड़े एकत्रित किए गए। अध्ययन से प्राप्त आकड़ों का सांख्यिकी विश्लेषण कर निष्कर्ष प्रस्तुत किया गया है।

सारांश का अंग्रेज़ी अनुवाद People who believe in diverse communities, caste, religion, culture reside in India. There are many groups of Scheduled Tribes in India. Scheduled Tribes constitute 8.2 percent of the total population of the country. Scheduled Tribes are also called Adivasis. There are 42 scheduled tribe communities living in Chhattisgarh. Among these, the Gond tribe is the largest tribe, 30.62 percent of the Scheduled Tribes in Chhattisgarh. Media is the biggest means of communication to meet the information needs of human beings. Information is conveyed to the people at a rapid pace through the media. Human development cannot be done very quickly in the absence of information communication. Media is an important means of getting news. In the absence of published and disseminated information in the media, proper development of Scheduled Gond tribe society cannot be done.
In the presented research paper, the access and use of media in Scheduled Gond tribe society has been studied. The sample for the research paper is the Scheduled Gond tribe community. The data was collected through interview schedule. Conclusions have been presented after statistical analysis of the data obtained from the study.
मुख्य शब्द अनुसूचित गोंड जनजाति, मीडिया, कांकेर, छत्तीसगढ़।
मुख्य शब्द का अंग्रेज़ी अनुवाद Scheduled Gond Tribe, Media, Kanker, Chhattisgarh.
प्रस्तावना

भारतीय संविधान में अनुसूचित जनजातियों का वर्णन है। संविधान में अनुच्छेद 342 में अनुसूचित जनजातियों के बारे में उल्लेख किया गया हैं। रेमण्ड फर्थ के अनुसार - ’’जनजाति किसी भी ऐसे स्थानीय समुदायों के समूह को कहा जाता है जो एक सामान्य भू-भाग पर निवास करता हो, एक सामान्य भाषा बोलता हो और एक सामान्य संस्कृति का व्यवहार करता हो। ’’अनुसूचित गोंड जनजाति समाज में परम्परागत मीडिया का गहरा प्रभाव रहा है। वे सामाजिक कार्यक्रमों में परम्परागत संचार माध्यमों का अधिक उपयोग करते हैं, लेकिन वर्तमान में अपने आसपास, देश-विदेश की खबरें प्राप्त करने के लिए मीडिया का उपयोग कर रहे हैं। अनुसूचित गोंड जनजाति में मीडिया के द्वारा केन्द्र व राज्य सरकार की शासकीय योजनाओं की सूचनाओं को आसानी से प्रचार एवं प्रसार किया जा सकता है तथा शासकीय योजनाओं का लाभ गोंड जनजाति के लोग ले सकते हैं। मीडिया की पहुँच व उपयोग से सरकारी योजनाओं की सूचनाओं को घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। अनुसूचित गोंड जनजाति मीडिया के माध्यम से सूचना प्राप्त कर सकते हैं, शिक्षित हो सकते हैं, मनोरंजन कर सकते हैं, जागरूक हो सकते हैं। टीवी, रेडियो, समाचार पत्र-पत्रिकाएँ, मोबाईल, सोशल मीडिया एवं अन्य संचार साधनों को मीडिया कहते हैं। मोबाईल मीडिया का पॉकेट संस्करण है। मोबाईल टॉवर और इन्टरनेट के जरिए मोबाईल में टीवी, रेडियो, समाचार पत्र-पत्रिका, सोशल मीडिया आदि कई संचार साधनों का उपयोग समाचार, शिक्षा, मनोरंजन और जागरूकता के लिए किया जा सकता है।

अध्ययन का उद्देश्य

1. अनुसूचित गोंड जनजाति में मीडिया की पहुँच का अध्ययन करना।

2. अनुसूचित गोंड जनजाति में मीडिया की उपयोग का अध्ययन करना।

साहित्यावलोकन

Dr. Dayan Nand kadian (2017) ने अपने अध्ययन में मीडिया को मानव, समाज और राष्ट्र के विकास का अनुमान लगाने का बैरामीटर बताया है। मीडिया किसी भी समाज का सूचना तंत्र है। मीडिया सूचना का समृद्ध स्त्रोत है। मीडिया मानव विकास के लिए आवश्यक सूचना, जानकारी समय पर प्रकाशित एवं प्रसारित करके महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। आपने इस पत्र में मानव विकास के लिए सूचना का अनदेखा करना एक गंभीर खतरा बताया है।

डॉ. चन्देश्वर यादव (2012-13) इस अध्ययन में पाया है कि अनुसूचित जनजाति समुदाय के लोग सभ्यता और संस्कृति के स्तर पर पिछड़े माने जाते हैं। आज भी इन अनुसूचित जनजाति समुदाय में सूचना तंत्र की उपस्थिति सही तरीके से नहीं हो पायी है। सूचना तंत्रों के अभाव में सूचनाओं से वंचित हो रहे हैं। जिसके कारण वे अपने विकास के लिए कॉफी संघर्ष कर रहे हैं। अनुसूचित जनजातियों की निवास करने की भौगोलिक स्थिति के वजह से भी सूचना माध्यम उन तक नहीं पहुँच पा रही है। अनुसूचित जनजातियों की शिक्षा का स्तर और सामाजिक रूढ़िवादिता भी संचार एवं सूचना माध्यमों के प्रयोग में बाधक है। आपने बताया है कि सूचनाओं का अभाव किसी भी समाज को पिछले पायदान पर खड़ा करने के लिए उत्तरदायी हो सकते हैं।

परिकल्पना 1. अनुसूचित गोंड जनजाति में मीडिया की पहुँच है।
2. अनुसूचित गोंड जनजाति में मीडिया का उपयोग संभावित है।
सामग्री और क्रियाविधि

इस शोध विषय अनुसूचित गोंड जनजाति समाज में मीडिया की पहुँच एवं उपयोग का अध्ययन में तथ्यों एवं आकड़ों को एकत्रित करने के लिए सर्वेक्षण विधि का प्रयोग किया है।

न्यादर्ष

प्रस्तुत शोध में अध्ययन की ईकाई अनुसूचित गोंड जनजाति समूह के उत्तरदाताओं का चयन किया गया है। सरल दैव निदर्शन पद्धति के द्वारा 15 पुरूष और 15 महिला उत्तरदाताओं से तथ्य एवं आंकड़े एकत्रित किए गए हैं।

अध्ययन का क्षेत्र

शोध हेतु अध्ययन का क्षेत्र उत्तर बस्तर कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल ब्लॉक के दमकसा गाँव का चयन किया गया है। इस गाँव की कुल जनसंख्या 599 है। यहाँ पर अनुसूचित जनजातियों की कुल जनसंख्या 442 है। दमकसा गाँव की साक्षारता दर 79.47 प्रतिशत है।

प्रयुक्त उपकरण प्रस्तुत शोध अध्ययन में विषय से संबंधित आंकड़ों को एकत्रित करने के लिए साक्षात्कार अनुसूची का प्रयोग किया गया है तथा प्राप्त तथ्यों एवं आंकड़ों का सांख्यिकी विश्लेषण किया गया है।
विश्लेषण

आंकड़ों का विश्लेषण एवं व्याख्या
प्रस्तुत शोध विषय में मीडिया से संबंधित प्रश्नों का विश्लेषण इस प्रकार हैः-
प्रश्न 1 समाचार पत्र पढ़ते हैं।
तालिका क्रमांक -1

क्र.

समाचार पत्र पढ़ते हैं।

संख्या

प्रतिशत

1

हाँ

4

13%

2

नहीं

26

87%

3

कह नहीं सकते

0

0%

4

कभी-कभी

0

0%

व्याख्या:- तालिका क्रमांक 1 प्रदर्शित करती है कि कुल 30 उत्तरदाताओं में 4 व्यक्ति समाचार पत्र पढ़ते हैं तथा 26 उत्तरदाता समाचार पत्र नहीं पढ़ते हैं।

व्याख्या:- आकृति क्रमांक 1 से स्पष्ट होता है कि 13% उत्तरदाता समाचार पत्र पढ़ते हैं तथा 87% उत्तरदाता समाचार पत्र नहीं पढ़ते हैं।

प्रश्न 2 टेलीविजन देखते हैं।     

तालिका क्रमांक - 2

क्र.

टेलीविजन देखते हैं।

उत्तरदाताओं की संख्या

प्रतिशत

1

हाँ

18

60%

2

नहीं

3

10%

3

कह नहीं सकते

0

0%

 

कभी-कभी

9

30%

योग

30

100%








व्याख्या:- तालिका क्रमांक 2 से स्पष्ट होता है कि 30 उत्तरदाताओं में से 18 उत्तरदाता टेलीविजन देखते हैं एवं 3 उत्तरदाता टेलीविजन नहीं देखते हैं। 9 उत्तरदाता कभी-कभी टेलीविजन देखते हैं।

व्याख्या:- आकृति क्रमांक 2 प्रदर्शित करती है कि 60% उत्तरदाता टेलीविजन देखते हैं तथा 10% उत्तरदाता टेलीविजन नहीं देखते हैं। 30% उत्तरदाता कभी-कभी टेलीविजन देखते हैं।

प्रश्न 3 मोबाईल का उपयोग करते हैं।

तालिका क्रमांक -3

क्र.

मोबाईल का उपयोग करते हैं।

संख्या

प्रतिशत

1

हाँ

22

73%

2

नहीं

5

17%

3

कह नहीं सकते

0

0%

4

कभी-कभी

3

10%

योग

30

100%

व्याख्या:- तालिका क्रमांक 3 से स्पष्ट होता है कि 30 उत्तरदाताओं में 22 उत्तरदाता मोबाईल का उपयोग करते हैं एवं 3 उत्तरदाता मोबाईल का उपयोग कभी-कभी करते हैं। 5 उत्तरदाता मोबाईल का उपयोग नहीं करते हैं।

व्याख्या:- आकृति क्रमांक 3 प्रदर्शित करती है कि 73% उत्तरदाता मोबाईल का उपयोग करते हैं तथा 10% उत्तरदाता मोबाईल का उपयोग कभी-कभी करते हैं। 17% उत्तरदाता मोबाइल का उपयोग नहीं करते हैं।

प्रश्न 4 सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं।

तालिका क्रमांक - 4

क्र.

सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं।

संख्या

प्रतिशत

1

हाँ

22

73%

2

नहीं

6

20%

3

कह नहीं सकते

0

0%

4

कभी-कभी

2

7%

योग

30

100%

व्याख्या:- तालिका क्रमांक 4 से स्पष्ट होता है कि 30 उत्तरदाताओं में 22 उत्तरदाता सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं एवं 6 उत्तरदाता सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते हैं। 2 उत्तरदाता सोशल मीडिया का उपयोग कभी-कभी करते हैं।

सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं।

व्याख्या:- आकृति क्रमांक 4 प्रदर्शित करती है कि 73% उत्तरदाता सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं तथा 20% उत्तरदाता सोशल मीडिया का उपयोग नहीं करते हैं। 7% उत्तरदाता कभी-कभी सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं।

प्रश्न 5 सूचना प्राप्त करने के लिए कौन-सा संचार माध्यम का उपयोग करते हैं?

तालिका क्रमांक - 5

क्र.

संचार माध्यम

संख्या

प्रतिशत

1

समाचार पत्र

3

10%

3

रेडियो

0

0%

4

टीवी

18

60%

4

अन्य(मोबाईल)

9

30%

योग

30

100%

व्याख्या:- तालिका क्रमांक 5 सूचना प्राप्त करने के लिए कौन-सा संचार माध्यम का उपयोग करते हैंसे स्पष्ट होता है कि 30 उत्तरदाताओं में से 18 उत्तरदाता सूचना प्राप्त करने के लिए टीवी का उपयोग करते हैं। 9 उत्तरदाता मोबाईल एवं 3 उत्तरदाता समाचार पत्र के माध्यम से सूचना प्राप्त करते हैं।

व्याख्या:- सूचना प्राप्त करने के लिए 30 उत्तरदाताओं में (60% ) टीवी संचार माध्यम का उपयोग करते हैं। 30% उत्तरदाता मोबाईल एवं 10% समाचार पत्र से सूचना प्राप्त करते हैं।

प्रश्न 6 मनोरंजन के लिए कौन-सा संचार माध्यम का उपयोग करते हैं

तालिका क्रमांक - 6

क्र.

संचार माध्यम

संख्या

प्रतिशत

1

समाचार पत्र

0

0%

3

रेडियो

0

0%

4

टीवी

16

53%

4

अन्य(मोबाईल)

14

47%

योग

30

100%

व्याख्या:- तालिका क्रमांक 6 प्रदर्शित करती है कि 30 उत्तरदाताओं में से 16 उत्तरदाता मनोरंजन के लिए टीवी संचार माध्यम का उपयोग करते हैं। 14 उत्तरदाता मनोरंजन के लिए अन्य (मोबाईल) संचार माध्यम का उपयोग करते हैं।

व्याख्याः- आकृति क्रमांक 6 से स्पष्ट होता है कि 30 उत्तरदाताओं में से 53% उत्तरदाता मनोरंजन करने के लिए टीवी संचार माध्यम का उपयोग करते हैं। 47% उत्तरदाता मनोरंजन के लिए अन्य (मोबाईल) संचार माध्यम का उपयोग करते हैं।

निष्कर्ष

शोध क्षेत्र में अध्ययन से ज्ञात हुआ कि अनुसूचित गोंड जनजाति में 60% लोग टेलीविजन देखते हैं। समाचार पत्र 10% लोग पढ़ते है, मोबाईल का उपयोग 73% करते है एवं सोशल मीडिया का उपयोग 20% करते है। रेडियो संचार माध्यम के श्रोता नहीं पाये गए जबकि सरकारी आंकड़ों के आधार पर रेडियो संचार माध्यम की पहुँच सबसे अधिक क्षेत्र में है। अनुसूचित गोंड जनजाति में सबसे अधिक टेलीविजन संचार माध्यम की पहुँच है। चयनित शोध विषय में अध्ययन से ज्ञात हुआ कि अध्ययन क्षेत्र में अनुसूचित गोंड जनजाति मे 60% टेलीविजन देखते हैं। टेलीविजन देखने वालों में से 60% सूचना के लिए टेलीविजन संचार माध्यम का उपयोग करते हैं और 53% टेलीविजन में मनोरंजन से संबंधित कार्यक्रम देखते हैं। अध्ययन क्षेत्र में समाचार पत्र सूचना प्राप्त करने का दूसरा सबसे बड़ा संचार माध्यम है। चयनित अध्ययन क्षेत्र में अनुसूचित गोंड जनजाति में 10% सूचना प्राप्त करने के लिए समाचार पत्र का अध्ययन करते हैं। अध्ययन क्षेत्र में मोबाईल संचार करने का महत्वपूर्ण माध्यम है। यहाँ पर 73% संचार करने के लिए मोबाईल का उपयोग करते हैं। अध्ययन में पाया गया कि अनुसूचित गोंड जनजाति में 30% अन्य (मोबाईल) का उपयोग सूचनाओं का अदान-प्रदान के लिए करते हैं। शोध अध्ययन में पाया गया कि 73% लोग सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं। इससे स्पष्ट होता है कि अध्ययन क्षेत्र में अनुसूचित गोंड जनजाति में सोशल मीडिया का उपयोग बहुत कम लोग करते हैं। अध्ययन से ज्ञात हुआ कि वे सोशल मीडिया और व्हाटसऐप मोबाईल एप्लीकेशन का उपयोग सूचनाओं का अदान-प्रदान के लिए अधिक करते हैं।

भविष्य के अध्ययन के लिए सुझाव अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों एवं अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाईल नेटवर्क स्थापित करना चाहिए ताकि मोबाईल का उपयोग मीडिया के रूप में किया जा सके। मोबाईल संचार माध्यम में टीवी देख सकते हैं, समाचार पत्र-पत्रिकाओं का अध्ययन कर सकते हैं, रेडियो सुन सकते हैं, सोशल मीडिया में सूचनाओं का अदान-प्रदान कर सकते हैं। मोबाईल नेटवर्क कवरेज एवं इन्टरनेट सुविधा होने से मोबाईल को मीडिया का पॉकेट संस्करण बनाया जा सकता है। मोबाईल के द्वारा सभी मीडिया का उपयोग समाचार सुनने, देखने एवं पढ़ने के लिए किया जा सकता है। इससे अनुसूचित जनजाति क्षेत्र में रहने वाले अनुसूचित गोंड जनजाति में मीडिया की पहुँच एवं उपयोग को बढ़ाया जा सकता है।
अनुसूचित गोंड जनजाति समाज के लोगों को मीडिया का उपयोग करना चाहिए। समाचार पत्र, रेडियो, टेलीविजन, मोबाईल, सोशल मीडिया का उपयोग दैनिक जीवन में करना चाहिए। मीडिया में प्रकाशित एवं प्रसारित समाचार के जरिये विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की जानकारी आसानी से प्राप्त होती है। समाज की जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्राप्त कर संबंधित विभाग से लाभ लिया जा सकता है।
रेडियो सूचना प्राप्त करने का सबसे महत्वपूर्ण संचार माध्यम है, प्रारंभ से ही रेडियो लोगों को शिक्षित, मनोरंजन और जागरूक करने का माध्यम रहा है। अनुसूचित गोंड जनजाति के लोगों को अधिक से अधिक रेडियो में प्रसारित कार्यक्रमों को सुनना चाहिए। रेडियो सुनकर सूचना प्राप्त कर सकते हैं। मनोरंजन कर सकते हैं और जागरूक भी हो सकते हैं। मोबाईल और टेलीविजन में भी रेडियो के कार्यक्रमों को सुना जा सकता है।
मीडिया समाचारों का बड़ा स्रोत है। मीडिया में देश व विश्व की खबरें होती हैं। विभिन्न प्रकार की सूचनाओं एवं जानकारियों का जनसंचार होता है। संचार मानव जीवन का अनिवार्य हिस्सा है। संचार के बिना मानव का विकास नहीं हो सकता। संचार प्रक्रिया मनुष्य के विकास और प्रगति का मार्गदर्शक है। संचार के अभाव में मानव विकास की कल्पना करना संभव नहीं है। छत्तीसगढ़ में अनुसूचित गोंड जनजाति की जनसंख्या सर्वाधिक है। अनुसूचित गोंड जनजाति मीडिया में प्रकाशित एवं प्रसारित सूचनाओं एवं जानकारियों से अवगत होकर अपने व देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
सन्दर्भ ग्रन्थ सूची

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